Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
मंत्रालय ने आगे स्पष्टीकरण के लिए कनाडाई विश्वविद्यालय को भी एक पत्र भेजा है, जहां महिला ने पढ़ाई करने का दावा किया है।
कोलकाता। कोलकाता से एक बड़ी ही हैरान करने वाली खबर सामने आई है। एक शख्स ने 14 साल बाद पुलिस को बताया है कि उसकी पत्नी बंग्लादेशी नागरिक है। तिलजला शहर के रहने वाले बिजनेसमैन को यह सब उस वक्?त पता चला जब दोनों के बीच झगड़ा हो गया और पत्नी ने उसके खिलाफ धारा 498ए के तहत मामला दर्ज करवाया। इसके बाद मालूम पड़ा कि पत्नी फर्जी भारतीय पासपोर्ट के साथ बांग्लादेशी नागरिक है। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है और गृह मंत्रालय से कानूनी सहायता भी मांगी है।
रिपोर्ट के मुताबिक बिजनेसमैन के वकील के मुताबिक, उनको इस बात का पता तब चला जब उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ धारा 498ए के तहत केस किया। शिकायत में आरोप लगाया कि उसके पति के हाथों आघात और क्रूरता की वजह से उनके दूसरे बच्चे का गर्भपात हो गया। बताते चलें कि धारा 498्र भारतीय दंड संहिता में एक ऐसी धारा है जो पत्नी के प्रति और ससुरालवासी के खिलाफ भावनात्मक और शारीरिक यातना के मामले में कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया है। यह धारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाई गई है, जिससे पत्नी को यातना और अत्याचार से बचाया जा सके।
व्यवसायी के वकील ने दावा किया कि पश्चिम बर्दवान नर्सिंग होम से जन्म प्रमाण पत्र और दंपती के दूसरे बच्चे के जीवित होने के प्रमाण से पता चलता है कि पत्नी के दावों में कुछ गड़बड़ है। वकील ने कहा कि दंपती में मनमुटाव के दौरान इलाके में भी अफवाहें थीं। इसके बाद शख्स को पत्नी पर संदेह हुआ कि उसकी पत्नी यूपी से नहीं थी, जैसा कि उसने दावा किया था, बल्कि बांग्लादेशी नागरिक थी। पति के वकील शयान सचिन बसु के मुताबिक पता चला है कि पत्नी का उत्तर प्रदेश का स्कूल सर्टिफिकेट और सिटीजनशिप का सर्टिफिकेट दोनों ही फर्जी तरीके से बनाए गए थे। वह वर्तमान में अपने 2 बच्चों के साथ फरार है जोकि मेरे मुवक्किल के साथ रह रही थी। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास इस बात के पुख्ता कारण है कि वह अमेरिका जाना चाहती थी जहां उसका भाई रहता है। इसलिए, हमने पहले उसके पासपोर्ट को अमान्य करने की अर्जी प्राथमिकता दी ताकि उसे वीजा नहीं दिया जाए।
वकील ने कहा कि दोनों उत्तर प्रदेश में एक विवाह समारोह में मिले थे और 2009 में शादी कर ली थी। व्यक्ति ने तिलजला पुलिस स्टेशन में विदेशी अधिनियम की धारा 14 ए (बी) और पासपोर्ट अधिनियम की धारा 12 के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत पत्नी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है। सूचना के अधिकार आवेदन के जवाब में, पति को मई में गृह मंत्रालय से एक पत्र मिला, जिसमें कहा गया था कि कार्यालय को इनपुट मिला है कि वह एक बांग्लादेशी नागरिक है और बांग्लादेशी पासपोर्ट धारक है। उसने धोखे से भारतीय पासपोर्ट हासिल कर लिया है।
पासपोर्ट अधिनियम (1967) की धारा 10(3) (बी) के प्रावधानों के तहत उसका पासपोर्ट रद्द करते हुए, मंत्रालय ने आगे खुलासा किया कि अपने बायोडाटा में, पत्नी ने कहा कि उसने 2007 से 2009 तक कनाडा में पढ़ाई की थी। लेकिन उसने नए पासपोर्ट के लिए आवेदन अप्लाई 2020 में किया था। मंत्रालय ने आगे स्पष्टीकरण के लिए कनाडाई विश्वविद्यालय को भी एक पत्र भेजा है, जहां महिला ने पढ़ाई करने का दावा किया है।